३० दिन के अगले कदम

दिन १४: शैतान का सामना करना

मैं शैतान का सामना कैसे करूँ?


मैं (यहोवा परमेश्वर) उससे युद्ध करूंगा, जो तुमसे युद्ध करता है.

यशायाह 49:25

एक दिन हमारे कम्पनी के हमेशा से मित्रभाव से रहने वाले दो सीनियर प्रबंधकों के बीच बहुत गर्म बहस छिड़ गई। इस विस्फोट का कारण क्या था? मुझे इसका जरा सा भी अंदाजा न था!

उस शाम जब मैं “शैतान का सामना करना,” नामक पुस्तक पढ़ रहा था, तब मुझे यह आभास हुआ कि शैतान, जो परमेश्वर का शत्रु है वह हमारे कम्पनी के प्रबंधकों के बीच में लड़ाई छिड़वा रहा है। प्रभु यीशु मसीह में हमें बदलाव लाने का अधिकार किस प्रकार दिया गया है इसका उदाहरण उस लेखक ने कुछ इस प्रकार दिया। मान लीजिये कि एक व्यक्ति चौराहे पर व्यस्त यातायात के बीचोबीच सड़क पर खड़ा है। वस्त्र पहनकर वह अपना हाथ उठाकर आते हुए गाडि़यों को रुकने का संकेत दे रहा है लेकिन कारें तेजी से उसके पास से गुजरती रहती है। अब वह एक पुलिसवाले की वर्दी पहन लेता है और तुरन्त ही गाड़ी चलाने वाले उसके इशारों को मानते हैं!

यह मेरे लिये एक चिन्ह था। यदि मैं प्रभु को धारण कर खड़ा हो जाऊं तब मैं आत्मिक यातायात को प्रभावित कर सकता हूं। इसलिए मैंने “अपना यूनिफार्म धारण किया” और यीशु मसीह के नाम में प्रार्थना करी, और मैंने कष्टकारी अनदेखी ताकतों के ऊपर अधिकारपूर्वक यीशु के नाम से प्रार्थना करी। आश्चर्य चकित रूप से अगले दिन तक यह परेशानी गायब हो गई।

शैतान एक वास्तविक विरोधी है। एक समय एक प्रधान स्वर्गदूत था, उसने विद्रोह किया और स्वर्ग से निकाल दिया गया (यशायाह 14:12)। हालाकि यीशु मसीह ने क्रूस की मृत्यु द्वारा शैतान को हरा दिया है। शैतान धोखाधड़ी और धमकी, सताव और जालसाजी के द्वारा परमेश्वर के लोगों को परेशान करना जारी रखता है। यीशु ने उसे एक चुराने वाले, हत्या और नाश करने वाला चोर बुलाया है।

हमें क्या करना चाहिए? बाईबिल कहती है, “शैतान का विरोध करो और वह भाग खड़ा होगा (याकूब 4:7)। दूसरे शब्दों में पुलिसवाले की वर्दी पहन लो!

दिन १५: बने रहना: मसीही जीवन का ह्रदय स्थल


शैतान का सामना करने का एक बड़ा भाग उसके झूठ और उसकी चालों का समझना है। वह समय याद कीजिये जब आप मोहजाल में गिर जाये- आप अभी किसे शैतान के आक्रमण के रूप में देखते है? किसी से आपके मोहजाल के विषय में किसी से बात करना आपके जयवन्त होने में सहायक हो सकता है।